#फ़रिश्ता वो शजर जो महका हुआ सा नज़र आता है तमाम ख़ारों में खिला गुलाब नज़र आता है उसकी एक दीद से सुकून मिलता है दिल को वो बाख़ुदा ज़माने में सबसे हसीन नज़र आता है उसको किस तरह बयाँ करें चंद लफ़्ज़ों में हम!? जो खुद ही एक मीठी सी नज़्म नज़र आता है इबादत में ख़ुदा से मांगता था ऐसे किसी यार को; वो जमीं पर चलता हुआ फ़रिश्ता नज़र आता है