खलन-खलन भटकते मन की.. शयन-शयन तरसते नयन की.. जहन-जहन में कोलाहल की मटकी.. मनन-मनन में छल की पटकी.. हनन-हनन धन में लटकी.. सघन-सघन से वन में अटकी.. असीम दानव में ढलते मन की.. मशीन मानव में ढलते तन की.. नयन मूंदे, दो डगर शयन की.. जीवन ढूंढे, एक सहर की "झपकी"..!! #Jhapki #झपकी #नोजोटो #Nojoto #nojotonews #Poetry #saurabh #Life