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.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी....... माँ ब्रह्मचा

.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
पारुल शर्म3 .... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
               पारुल शर्मा
.... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
पारुल शर्म3 .... ..... जय माँ ब्रह्मचारिणी.......
माँ ब्रह्मचारिणी केलिए मेरी भक्तिमय पंक्तियाँ.........

श्वेत वस्त्रधारिणी, अष्टदल माला, कमंडल पाणिनि।
चर अचर विद्याऔ व शास्त्रों की ज्ञाता, तू जगत उद्धारिणी।
प्रवत्ति अनुपम, अतिसौम्य, भव्य, सादा  शीघ्र फलदायिनी।
ब्रह्मा के समान वेदों की ज्ञाता,दुर्गा की द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी।
               पारुल शर्मा
parulsharma3727

Parul Sharma

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