रात ढल चुकी है... सवेरा होने को है... सपनों को पीछे छोड़,, कुछ नया करने को है... चाय की एक प्याली पी,, तरो ताज़ा होकर... अपनी पंख फैला कर ..,, मंज़िल की तरफ उड़ने को है... अभी भी मुझमे दम है... कुछ कर दिखाने को है,, ज़िन्दगी की रेस में चाहे कितनी... ही मुश्किलें क्यूँ ना आये..,, ये सोच के अपने हौसले को बुलंद करना है कि ., अँधेरा बस कुछ पल के लिए आया था.. अब तो एक नया सवेरा सूरज की ,, किरण के साथ नहीं उम्मीद ले के आया है..!! #Morning #रात ढल चुकी है