स्कूल और बेंच सारे ख्वाब एक बस्ते में भरकर हम जहाँ से उड़ान भरने का रास्ता खोजने निकलते थे, उस स्कूल की बेंचो पर मिल जाते थे कुछ साथी। जिनके साथ हर दिन गिरकर भी उठने का हौसला मिलता था। अपने डब्बे में कितने भी व्यंजन रखें हों, असली मजा तो उनका टिफिन खाने में ही आता था। वो मौज-मस्ती के सुनहरे दिन जीवन में फिर कभी नहीं आते हैं। बड़े मिल जाते हैं दोस्त कहने को मगर वो यार दोबारा नहीं मिल पाते हैं। जो खो गए हैं आज गुरुर की बस्ती में वो बचपन के जिगरी बड़े याद आते हैं। शायद दोस्ती नहीं बदलती मगर दोस्त बदल जाते हैं।- रूपल सिंह"भारतीय नारी" बस यूँही कुछ लिख दिया है।☺ #स्कूलऔरबेंच #schoolorbench #memories #dosti #dost #waqt #bachapn #bhartiya_naari #nojotohindi #nojotoapp