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ये सोच कर. जुल्फ़ों को उड़ता देख उसकी ,बदलियां स

ये सोच कर.

जुल्फ़ों को उड़ता देख
 उसकी ,बदलियां सी घिर आईं । 

चांद के चेहरे पे नया नूर 
लेके, ज़मीं पे चांदनी उतर आई।

क्या रंग था क्या रूप ,देखके 
दूर से ही मन ख़ुशी से भर जाता।

तेरी खुदाई को लाखों दुआएं,
ऐ हसीं चेहरा बनाने वाले विधाता।

 ये सोचकर..,तू कितना दयालु है,
 जिसको देता है फाड़ के छप्पर देता।

©Anuj Ray
  ये सोचकर..
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator

ये सोचकर.. #न्यूज़

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