मेरा मन मुश्किल मंजिल मे जो निकला, विजयश्री का प्रण लिए , अंधकार भरी राहों में, आशा की एक ज्योति लिए, विचलित भरी सोच में, प्रण बद्धता को स्थिर किए, भावनाओं के ज्वार में, बिन बहे किसी के लिए, निरंतर चल रहा प्रगति पथ में जो, सपनों की एक पोटली लिए, वो कोई और नही तन मेरा है, धैर्य लिए मन मेरा है। Trilok🙏😊 #meraman मेरा मन