अपनी सरगम अपने साज को हमने सुना है। जो था हमारे जेहन में वैसा ही सपना बुना है।।गलतफहमी है हमारी कि कोई मसीहा आएगा। जैसे हम है ठीक वैसा ही हमने रहनुमा चुना है।। ©अविरल विपिन चुनाव