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तलाश एक चाबी पे आके खत्म होनी थी,, ताले तो हजारो

तलाश एक चाबी पे आके खत्म होनी थी,,


ताले तो हजारों किस्म के थे मेरे चारों तरफ़,,


जिसे ढूंढने में जिंदगी के कीमती पल भी खो दिये

,,
जिसका मिलना ही मेरे लिए बेहद जरूरी था


कयी किताबो का सहारा भी लिया उसे पाने को,

,
नामुराद वो तलाश ही जिंदगी निगल गई

©Vickram
  चाबी खुशियों कि,,
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Vickram

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चाबी खुशियों कि,, #शायरी

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