__अपने__ आँखे अब नहीं रोती, पुराना वक्त याद कर के। टूटे लहज़े से वो, अब नहीं हकलाता है। बढ़ गया है आगें समय से वो। जितने अपने न थे उससे ज्यादा कही विरोधी थी तो क़ामयाबी पास फिर भी असफलता के नारे थे कितना हताश बैठा हूँ जहाँ मेरे अपने थे। __अपने__ #आँखे #रोती #हकलाता #नारे #khnazim