देखो भारत कितना प्यारा लगता है दुनिया से न्यारा। सत्य अहिंसा के मिटे पुजारी भ्रष्टाचार निर्लज्जता की आई बारी। फर्ज मोहब्बत भूले यहां सब कैसा है घर मे अंधियारा। देखो भारत..................... जब आई खेतों में हरियाली खाली हुई किसानों की झोली। देख बाजारों के दामों को किसानों ने खाई है गोली। गाय बनी है माता यहां पर पशु घुम रहे है यहां आवारा। देखो भारत................... । गरीबी, बेरोजगारी हर जगह आगाज़ है बालीवुड की फैशन का हर घर मे राज है। नारी सशक्त, सुरक्षित हो कहते सब आज है फिर भी उस पर हर कदम अत्याचार है। युवा शिक्षित होकर फसा रुढ़िवादी मे जगह जगह ज्ञान का कैसा है उजियारा। देखो भारत कितना प्यारा लगता है दुनिया से न्यारा jeetu apna I was write this poem last dismember 2019