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मैने अपनी नींद से बोझिल आंखों को दरवाजे पे टिका कर

मैने अपनी नींद से बोझिल आंखों को दरवाजे पे टिका कर देखा अचानक चौंक गया कोई अपना था इतने दिनों के बाद वही वही पीला लिबास वही आंखें जिन्हे मैं रात रात भर पढ़ता रहता था। वही अंदाज जिसपे जान भी चली जाए तो मुंह से उफ न निकले। कुछ कहना चाह रहा था वो शख्स मैं उसके चेहरे पे नजरे गड़ाए समझने की पुरजोर कोशिश कर रहा था। अचानक नींद टूटी तो पता चला दरवाजा बंद था।दरवाजे पे तो कोई नहीं था। वो वही है जहां था।
 मेरे दिल में।

©MD Shareef
  #Haunted
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MD Sharif

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#Haunted

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