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क्या लिखूँ मैं बयां करना भी नहीं जानता हर शब्द पत

क्या लिखूँ मैं बयां  करना भी नहीं जानता
हर शब्द पता नहीं क्यों मुझसे मुँह
मोड़ लेते है।
होता है जब ज़िक्र इश्क़ का
न जाने लम्हे क्यों मेरे मुझसे
यह पूछ लेते है।।
कहा है वो पहले की भाँती
हर चीज़ का वो
हिसाब ले लेता है।

मैं भी मुस्कान लिए हुए
कह देता हूँ 
क्या लिखूँ
मिटाया तो उनको जाता है जो दिल से उतरे हो
वो तो मेरे हर एक पन्ने पर
लिखित है।
                                              To bhi continue.......

                                          @aakash.
                                          #jawa #PoetInYou
क्या लिखूँ मैं बयां  करना भी नहीं जानता
हर शब्द पता नहीं क्यों मुझसे मुँह
मोड़ लेते है।
होता है जब ज़िक्र इश्क़ का
न जाने लम्हे क्यों मेरे मुझसे
यह पूछ लेते है।।
कहा है वो पहले की भाँती
हर चीज़ का वो
हिसाब ले लेता है।

मैं भी मुस्कान लिए हुए
कह देता हूँ 
क्या लिखूँ
मिटाया तो उनको जाता है जो दिल से उतरे हो
वो तो मेरे हर एक पन्ने पर
लिखित है।
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                                          @aakash.
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aakashjawa9246

Aakash jawa

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