वो गया एक ख्वाब सा इस पर मैं बिखर गई, कई बार उसके ख्वाब थामकर उसके ख्वाहिशो को पुरा किया। अर्धान्गिनी बन उसकी मैनें ज़रुरत को उसकी पुरा किया। उसने मेरे एक ख्वाब पर सवाल किया और मुझे मेरे होने पर भी अधूरा किया। वो गया मेरी रूह सा इस पर मैं बिखर गई। ©Deepika Ameta #इस पर मैं बिखर गई #5LinePoetry