कि हमारी मुलाकात नहीं होती, दिन छोटे हैं वो लम्बी रात नहीं होती.-2 कि अब हमारी मुलाकात नही होती. बाते,बातें तो होती हैं पर 💑बात नहीं होती. मै सो रहा हूँ मुझे हो सके जगा देना , मिले आजादी कहीं तो मुझे बता देना . काफी वक्त हुआ राह तक रहा हूँ हर दरवाजे ,खिडक़ी रोशनदान तक रहा हूँ. एक चहारा नजर आता हैं कुछ धूंधला ,कुछ मयूस नजर आता हैं . ये केद मेरी मुझे समझ नही आती. तू आजाद है मेरी आजादी मुझे नजर नही आती -2 . मै तुझसे तू मुझसे ही तो जुड़ा है. क्यों आँखे मुद रखी मुझसे जुदा है. चल छोड़ कुछ नया कहते हैं . मुझे छोड़ तेरी ओर चलते हैं. मै बतता हूँ तू कौन है तुझे तुझसे मिलता हूँ. तो सुन ध्यान से. बयां न कर सकूँ वो एहसास हो , चादं शब्दों मे न सिमट पाऔ . मेरे जीवन का वो विस्तार हो. कि हमारी मुलाकात नहीं होती।