बन्दे बन्दे को काटने लगे है लोग अपना पराया छांटने लगे है ख़ुदा परेशां है कि किसकी अर्ज़ी सुने बन्दे तो ख़ुदा को भी बाटने लगे है सभी को पता है मेहनत का रास्ता लम्बा है इसीलिए तो लोग तलवे चाटने लगे है ग़लतफ़हमी कि किसी दिन दुसरो को डसेगा ये लोग आस्तीन के साँप पालने लगे है गलत को भी यहाँ ख़िलाफ़त मंज़ूर नही लोग खुद को इतना सही मानने लगे है -(क्षत्रियंकेश) आस्तीन के साँप!