लेते थे थाली भरकर पर खाते कम और कूड़े में डाल देते थे कभी पकौड़े तो कभी पास्ते की फरमाइश कर दिन निकाल देते थे अब तो काम चला लेते है वो भी रूखा सूखा ही खाकर अंजान जो कभी घर पर बनी दाल में भी ढेरों नुक्स निकाल देते थे ©Ankur tiwari #खाना