आया कंकर जद उसदी जुत्ती विच राहे पिंड दी, टप्पी जदों एकदम मैनु फड़ के, दिल मेरा घबरा गया, होया की एकदम तेनु राहे चलदी नु, की होया की तूफान आया, फड़ के मैनु कहनदी साम्भ के रख दिल अपने नु, कोई तूफान नही जुत्ती मेरी विच कंकर आया, उसदी इह गल सुनके सानू दोना नु हासा आया।। राह - रास्ता पिंड - गांव हासा -हँसी आया कंकर जब उसकी जुत्ती में पिंड को जाते हुए रस्ते में, उछली एकदम मुझे पकड़ कर, मेरा दिल एकदम घबरा गया, क्या हुआ रस्ते में चलती को,