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*मनमर्जी/अनुशासन/राजनीति/गणवेश/हिजाब/शिक्षण संस्था

*मनमर्जी/अनुशासन/राजनीति/गणवेश/हिजाब/शिक्षण संस्थान*
धर्मनिरपेक्षता जिस देश का आधार है ।
सर्वधर्म समभाव जिसका भाव है 
उस देश में शिक्षण संस्थान की चर्चा का विषय हिजाब है !!!
जबकि होना यह चाहिए कि
शिक्षा-शिक्षण कैसा हो ???
अधिगम , शिक्षण विधि क्या हो ?
शिक्षक की योग्यता क्या हो??
शिक्षक चरित्र कैसा हो????
विद्यार्थी अनुशासन कैसा हो ?
बात देखिए कहाँ अटक गई,,
गणवेश में हिजाब हो ?/ ना हो ?
इस छोटी सी बात पर,,
बहस इतनी छिड़ गई,,
कि शिक्षण व्यवस्था ही,,
पूरी बाधित हो गई ।।

जबकि संविधान में शिक्षा और धर्म पहले से ही अलग हैं ।
साथ ही वर्ग विशेष की धार्मिक आस्थाएँ आहत ना हों ।
ये बातें भी समाहित है ।।
इसीलिए सरदार की पगड़ी , हिंदू का कलावा , ईसाई का क्रास ,
 मुस्लिम का हिजाब गणवेश में शामिल ना होकर भी शामिल रहे हैं ।
और सभी विद्यार्थी मिलकर एक संस्था में सँग-सँग पढ़े-बढ़े हैं ।
तो अब अचानक क्या हो गया ??
जो हिजाब पर तूल दे रहे सभी ।
क्यों ?शिक्षा में इस बात पर
राजनीति कर रहे सभी !!!
और अनुशासन के नाम पर बंदिशें थोप रहे सभी 

किसी के सिर और कान ढकने से
कौन सी आफत आ रही??
क्या सर्दी की पोशाक में ये शामिल नहीं होता है ??
अरे करना है तो इतना कर दो 
हिजाब को स्वेच्छा में शामिल कर दो ।
जिसको अनुकूल लगे धारण कर लें प्रतिकूल लगे तो त्याग दें ।
सिर और कान का पहनावा क्यों गणवेश में शामिल करते हो ।
कम से कम इन पर तो सबकी अपनी स्वेच्छा चलने दो ।

विविधताओं का देश है भारत इसे ऐसा ही रहने दो ।
हिल मिल कर सब एक रहें इस बात पर ही तूल दो ।

छोटी-मोटी बातों पर ना आपस में टकरार करो ।
गणवेश को मुद्दा बनाकर ना ज्ञान का बंटाढार करो ।
शिक्षण विधि और तकनीकें  प्रबल बनाकर ,,
बस विद्यार्थियों के भविष्य का श्रृंगार करो ।
बस विद्यार्थियों के भविष्य का श्रृंगार करो ।
लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान ©
सागर मध्यप्रदेश ( 18 फरवरी 2022 )

©Pratibha Dwivedi urf muskan #हिजाब #गणवेश #यूनिफार्म #अनुशासन #शिक्षा #राजनीति #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे  Anita riya Kumari Rashmika safikhan Reena R singh
*मनमर्जी/अनुशासन/राजनीति/गणवेश/हिजाब/शिक्षण संस्थान*
धर्मनिरपेक्षता जिस देश का आधार है ।
सर्वधर्म समभाव जिसका भाव है 
उस देश में शिक्षण संस्थान की चर्चा का विषय हिजाब है !!!
जबकि होना यह चाहिए कि
शिक्षा-शिक्षण कैसा हो ???
अधिगम , शिक्षण विधि क्या हो ?
शिक्षक की योग्यता क्या हो??
शिक्षक चरित्र कैसा हो????
विद्यार्थी अनुशासन कैसा हो ?
बात देखिए कहाँ अटक गई,,
गणवेश में हिजाब हो ?/ ना हो ?
इस छोटी सी बात पर,,
बहस इतनी छिड़ गई,,
कि शिक्षण व्यवस्था ही,,
पूरी बाधित हो गई ।।

जबकि संविधान में शिक्षा और धर्म पहले से ही अलग हैं ।
साथ ही वर्ग विशेष की धार्मिक आस्थाएँ आहत ना हों ।
ये बातें भी समाहित है ।।
इसीलिए सरदार की पगड़ी , हिंदू का कलावा , ईसाई का क्रास ,
 मुस्लिम का हिजाब गणवेश में शामिल ना होकर भी शामिल रहे हैं ।
और सभी विद्यार्थी मिलकर एक संस्था में सँग-सँग पढ़े-बढ़े हैं ।
तो अब अचानक क्या हो गया ??
जो हिजाब पर तूल दे रहे सभी ।
क्यों ?शिक्षा में इस बात पर
राजनीति कर रहे सभी !!!
और अनुशासन के नाम पर बंदिशें थोप रहे सभी 

किसी के सिर और कान ढकने से
कौन सी आफत आ रही??
क्या सर्दी की पोशाक में ये शामिल नहीं होता है ??
अरे करना है तो इतना कर दो 
हिजाब को स्वेच्छा में शामिल कर दो ।
जिसको अनुकूल लगे धारण कर लें प्रतिकूल लगे तो त्याग दें ।
सिर और कान का पहनावा क्यों गणवेश में शामिल करते हो ।
कम से कम इन पर तो सबकी अपनी स्वेच्छा चलने दो ।

विविधताओं का देश है भारत इसे ऐसा ही रहने दो ।
हिल मिल कर सब एक रहें इस बात पर ही तूल दो ।

छोटी-मोटी बातों पर ना आपस में टकरार करो ।
गणवेश को मुद्दा बनाकर ना ज्ञान का बंटाढार करो ।
शिक्षण विधि और तकनीकें  प्रबल बनाकर ,,
बस विद्यार्थियों के भविष्य का श्रृंगार करो ।
बस विद्यार्थियों के भविष्य का श्रृंगार करो ।
लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान ©
सागर मध्यप्रदेश ( 18 फरवरी 2022 )

©Pratibha Dwivedi urf muskan #हिजाब #गणवेश #यूनिफार्म #अनुशासन #शिक्षा #राजनीति #प्रतिभा #प्रतिभाउवाच #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कान© #प्रतिभाद्विवेदीउर्फमुस्कानकीकलमसे  Anita riya Kumari Rashmika safikhan Reena R singh