न जानें कितनी यादों का महल सजाया था, मेरे आँखों के सामने, मेरी यादों के महल में वो नज़र न आई, दिल टूटा, दिल रोया, वो किसी ओर के साथ नज़र आई ! दिल टूटा है, प्यार का दर्द है, मोहब्बत भी गुनहगार है, साथ वाला भी गुनहगार है! #दिल_टूटा_दिल_रोया #hindipoem #page_no_02 #Omkarsharma omkarsharmablog.wordpress.com