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सुबह की हल्की धूप हो और मन में तेरा नूर हो , कानों

सुबह की हल्की धूप हो
और मन में तेरा नूर हो ,
कानों में मीठी मिश्री सी घुली
मेरा यार आजकल हर ओर है !  DQ :  350

वक़्त बेवक़्त क्या है सौगातें, 
जी रहे हम ले कर तेरी यादें..,

हर साँस में तू है मिलता मुझे ओ सनम ,
दिल की बातें यूँही नही सबको बताते !
सुबह की हल्की धूप हो
और मन में तेरा नूर हो ,
कानों में मीठी मिश्री सी घुली
मेरा यार आजकल हर ओर है !  DQ :  350

वक़्त बेवक़्त क्या है सौगातें, 
जी रहे हम ले कर तेरी यादें..,

हर साँस में तू है मिलता मुझे ओ सनम ,
दिल की बातें यूँही नही सबको बताते !