सुनो... ये गुलाब सिर्फ़ तुम्हारे लिए...— % & सुनो... वो जो मोहब्बत थी न तुमसे, वैसी अब शायद किसी और से ना कर पाऊं मैं.... तुम्हारा पता नहीं पर आज एक दफा फिर आंखे नम हुईं हैं लबों कि कंपन बयां कर रही हैं की आज भी कमी है तुम्हारी इस ‘ओम’ की जिंदगी में...!! खेर छोड़ो अनर्गल बातों को.... ये गुलाब सिर्फ़ तुम्हारे लिए...