खुद खड़ा मैं उस दौर में यह हिम्मत नहीं किसी और में न कोई सहारा है न कोई ठिकाना है रुकना नही सिर्फ चलते जाना है रुक गया तो ज़िंदा लाश हूँ चल पड़ा हूँ मंज़िल की तरफ क्योंकि खुद की पहचान बनाना है ......Md #DurTkJaanaHai Dev Ratna