जहां रिश्तों में प्रेम होता है....... वहां हमें स्वयं की अहमियत बताने की जरूरत नहीं पड़ती....... किस तरह रिश्ते की बागडोर थामें रखी है हमने , ये समझाने की जरूरत नहीं पड़ती.... कभी नाराजगी भुला कर, कभी प्यार जरा ज्यादा जता कर, कभी जरा खामोशी से सब सह कर तो कभी थोड़ा ज्यादा चिल्लाकर.... किस तरह रिश्ते को संभाला है हमने , ये छोटी -छोटी बाते गिनाने की जरूरत नहीं पड़ती..... जहां रिश्तों में प्रेम होता हैं....... वहां नाराजगी दिखाई नहीं जाती, बस आंखों की खामोशी को पढ़ लिया जाता है.... जहां रिश्तों में प्रेम होता है..... वहां खूबियों को मुस्कुराहट की वजह बना लिया जाता है और खामियों को दिल में कहीं छुपा लिया जाता है..... " वो रिश्ता बड़ा अनमोल होता है.... " जहां निस्वार्थ प्रेम और जज्बातों का गहरा मेल होता है" ©MEGHA Sharma #realationship #read #love❤ #bonding