Mumbai Rains बूंद गिरी बादल से छनकर प्रसन्न हुई धरती से मिलकर आलिंगन से महक उठी धरती भी कुछ चहक उठी सावन ने गीत सुनाया है फूलों को भी खिलाया है आज प्रेम की कली खिली आज फलक से ज़मीन मिली विरह गीत न अब गाना है प्रेम दिवस अब मनाना है धरती में आए नव प्राण पपीहे ने छेड़ी नई तान ।। #nojotohindi#सावन#बूंदें#monsoon#Kavita#poetry