ये तूफा ,ये नदिया ,ये सागर कि लहरे, ये चलती हवा हरदम ये पूछे मुझसे तुम क्यु उदास हो.. क्यु अकेले हो, क्यु अपने आप से खफा से हो, मैने कहा... ये खफा नही मेरी तन्हाई है जो खुद मैने बुलाई है..! तसल्ली से बैठा हु आज अपनी कविता लेके, आज मै आर्थिक तंगी से आजाद हुं, आज मेरे पास बहुत पैसा है घर है,मेरी पसन्द कि गाड़ी है.. पर वो शान्ती नही,वो तन्हाई नही जो पहले थी..!! ....Shreehari ©Shreehari Adhikari369 #tanhaa nhi mai #sagarkinare