तुम बिन चाँद न देख सका टूट गई उम्मीद बिन दर्पन बिन नैन के कैसे मनाएँ ईद हर बार की तरह वादों पर ना मेरी जान मुझे टालो आज है ईद का दिन मेरी जान हिना आज तो गले लगा लो तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी