ऐ शाम हमसे कुछ तो बोल, खामोशी अब भी तेरी खटकती है मेरा जिस्म तो तू मुझसे ले गया, रूह अब भी मेरी भटकती है कोशिशें लाख की हैं मैंने, जिंदा रहने की तेरे बगैर ओ हमनशीं मगर सच कहूं तो तेरे नाम पे ही, सांसे अब भी मेरी अटकती है प्रिय लेखको! यह अप्रैल का महीना नैशनल पोएट्री राइटिंग मंथ के तौर पर मनाया जाता है। जिसे #NaPoWriMo के रूप में भी जाना जाता है। वर्तमान में जब समस्त विश्व एक ठहराव से गुज़र रहा है, ऐसे में हम अपनी रचनात्मकता के प्रवाह की गति को और तेज़ करते हैं। इन 30 दिनों में 30 कविताएँ लिखने का लक्ष्य लेकर आज से नेपोरिमो की शुरुआत करते हैं। #शामकुछबोल #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनकहेअल्फ़ाज़ #हमनशीं #yababa #yqlovequotes