“गलती” अनुशीर्षक में सूरज धीरे धीरे ढलता ही रहेगा गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा जो लोग ख़ुद अपनी गलती नहीं मानते वक्त उनसे गलती मनवा लेता ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती वह जिस गलती से हम कुछ सीख नहीं पाते।। गलती करके तुरंत सॉरी बोल दिया तुझे तेरे गलती का जरा भी एहसास ना हुआ गलती जीवन का एक पन्ना लेकिन रिश्ता पूरा किताब जरूरत पड़ने पर गलती वाले पन्ने फाड़ देना लेकिन कुछ पन्नों के लिए पूरी किताब ना फाड़ देना।। सूरज धीरे धीरे ढलता ही रहेगा गलतियों का सिलसिला सारी उम्र चलता ही रहेगा जो लोग ख़ुद अपनी गलती नहीं मानते वक्त उनसे गलती मनवा लेता ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती वह जिस गलती से हम कुछ सीख नहीं पाते।। गलती करके तुरंत सॉरी बोल दिया तुझे तेरे गलती का जरा भी एहसास ना हुआ