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घर की खुशियाँ , पिरोती हैं बेटियाँ।। घर को मंदिर

घर की खुशियाँ ,
पिरोती हैं बेटियाँ।।

घर को मंदिर सा,
संजोती हैं बेटियां।।

माँ की आँचल को खुशबू
से , भिंगोती है बेटियाँ।।

©अंजान
  #बेटियां #रौनक