मेरा प्यार भी कुछ याेग जैसा है शरीर मस्तिष्क आैर आत्मा में तुम हाे ये बात अलग है की में तुम्हे आसन की तरह दर्द देता हुं। मैं पिता का प्यार तुम्हे मजबूत आैर दुनिया से लड़ने के लिये तैयार करता हुं। साकेत कुमार सिसाेंदिया याेगाचार्य saketkumarrajput@gmail.com fathers day with yoga day