खडा हु सीना ताणें, कितने भी वार तुम करना। हस्ते हस्ते झेल लुंगा सभी, बस पीठ पे वार मत करणा। इतनी भी क्या नफरत, किसी अपने से। थोडा मोहब्बत का , पैगाम तुम देना। अपने तो सब पलट जाते है, वक्त के साथ। पर अब मै सिख गया हु , वक्त पे किसीके काम आणा। खडा हु सीना ताणें, कितने भी वार तुम करना। हस्ते हस्ते झेल लुंगा सभी, बस पीठ पे वार मत करणा।