जीवन आंनद भिगा मौसम, भिगा मन,भिंग जाऊं मैं रिमझिम बूंदों के संग, चेहरे पर गिरतीबूंदों की बौछारें, आंखों से सोखती, भिगे मौसम की फुहारें, मस्ती में खेलती, इन्हीं बूंदों के संग भिगा मौसम, भिगा मन बंद आंखों से आसमा को तकती हर एक बूंद में तुम्हें ढुंढती, एक अकेली यहां भिगती मैं जीवन आंनद से गुजरती मैं भिगा मौसम, भिगा मन।। जीवन आंनद भिगा मौसम, भिगा मन, भिंग जाऊं मैं रिमझिम बूंदों के संग, चेहरे पर गिरती