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मैं भगवान के मंदिर में नमाज़ पढ़ आया और लोग मुझे पाप

मैं भगवान के मंदिर में नमाज़ पढ़ आया
और लोग मुझे पापी बुलाने लगे
मैं अल्लाह की मस्जिद में शंख बजा आया
और लोग मुझे काफ़िर बुलाने लगे
मेरा तो मक़सद था उसकी इबादत करना
कभी मंदिर पास था तो कभी मस्ज़िद
मैं मार आया भीतर की सारी दरिंदगी
और लोग मुझे क़ातिल बुलाने लगे #क़ातिल
मैं भगवान के मंदिर में नमाज़ पढ़ आया
और लोग मुझे पापी बुलाने लगे
मैं अल्लाह की मस्जिद में शंख बजा आया
और लोग मुझे काफ़िर बुलाने लगे
मेरा तो मक़सद था उसकी इबादत करना
कभी मंदिर पास था तो कभी मस्ज़िद
मैं मार आया भीतर की सारी दरिंदगी
और लोग मुझे क़ातिल बुलाने लगे #क़ातिल