तू नशा है ऐसा जो चढ़ा तो उतरा नहीं तेरे हुस्न सा हुस्न देखा नहीं कहीं तेरी खुशबू को ढूंढ़ता फिर रहा हूँ मैं पर तू तो जैसे है हवा हर कहीं पर दिखती फिर भी नहीं #नशा है तू