स्कूल का पहला दिन याद नहीं स्कूल का पहला दिन, कौन छोड़ने गया कौन लाया, बस याद है तो इतना कि, बहनों का हाथ पकड़ स्कूल जाया करती थी, उस वक़्त में बहुत गुमसुम रहा करती थी। वैसे तो बहुत शैतान थी मैं, मगर बाहर निकलते ही चुप हो जाया करती थी। उस वक़्त दोस्त बहुत से थे, खूब शैतानी किया करती थी, टीचर के आते ही चुप हो जाया करती थी। वो दिन क्या छूटे सब कुछ छूट गया, बचपन में ही शायद दोस्त शब्द रूठ गया। ©सखी #स्कूलकापहलादिन