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जब भी हो जाऊं मैं उदास या मन हो मेरा बेचैन आएं न स

जब भी हो जाऊं मैं उदास
या मन हो मेरा बेचैन
आएं न सुकून जब कही भी मुझे
दिखे न रास्ता जब कही भी मुझे
दिल में हो जब अजीब से बेचैनी 
या हो दिमाग में कुछ चल रहा
आएं न सुकून जब मुझे कही 
तो सुनूं तेरी बंसी की मनमोहनी सी आवाज 
जब जब सुनूं तेरी मुरलिया की धुन 
मन को सुकून सा मिले 
जब जब सुनूं तेरी बंसी की धुन 
तब तब मेरा तन मन मुस्काया

©diksha #बंसी 
#कृष्ण
जब भी हो जाऊं मैं उदास
या मन हो मेरा बेचैन
आएं न सुकून जब कही भी मुझे
दिखे न रास्ता जब कही भी मुझे
दिल में हो जब अजीब से बेचैनी 
या हो दिमाग में कुछ चल रहा
आएं न सुकून जब मुझे कही 
तो सुनूं तेरी बंसी की मनमोहनी सी आवाज 
जब जब सुनूं तेरी मुरलिया की धुन 
मन को सुकून सा मिले 
जब जब सुनूं तेरी बंसी की धुन 
तब तब मेरा तन मन मुस्काया

©diksha #बंसी 
#कृष्ण
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