दुनिया में जिन्हें मां बाप कहते हैं मैं ख़्वाब हूं उन दो आंखों का दुनिया में जिन्हें मां बाप कहते हैं इन आंखों की तामीर भी खूब हुई दुनिया में जिन्हें मां बाप कहते हैं मुहब्बत उनकी बता नहीं सकता दुनिया में जिन्हें मां बाप कहते हैं