उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ। ©Vandana Rana उलझनों में जो खर्च हो रही है ज़िंदगी, मुस्कुराना तो मैं भी वहन कर लेती हूँ।