जैसे एक वयस्क बच्चे को बडे सौदा लेने भेजें और वो गलत सौदा ले आये तो इसमें बच्चे की गलती है वैसे ही परमात्मा ने हमे नाम ध्याने के लिए भेजा नाम का सौदा लेने के लिए भेजा पर हम बदले में विकार ले आये(स्वास रूपी धन खर्च करके) तो परम् माता पिता परमात्मा भी तो हिसाब लेंगे क्योंकि उनका हुक्म नेक कार करने का था यानी नाम ध्या के मन निर्मल करने का न कि विकार इकठे करने का तो इसमें गलती तो हमारी ही हुई न कि हमने हुक्म को नहीँ बुजा।। ©Biikrmjet Sing #हुक्म