कुछ जिंदगी के रंग ऐसे भी।। #जिंदगी की खासियत, कुछ ऐसी जो अनकही , अनसुनी , अनभिज्ञ और असुलझी होती है । नही, नही, छोड़ दो मुझे, प्लीज मुझे जाने दो, आप जो कहोगे मैं हेल्प करने को रेडी हूं, प्लीज, प्लीज जाने दो मुझे, कहते हुए सिया चीख के उठी। सिया, सिया तू ठीक तो है, सीरत चिंता करते हुए बोली। जी हां आज की कहानी की शुरुआत होती है सिया नामक लड़की से, जो भूत ही मासूम, सुलझी हुई, सुंदर और सर्वगुण संपन्न है। सिया एमबीए थर्ड सेमेस्टर की स्टूडेंट है जो हॉस्टल मैं अपनी दोस्त सीरत के साथ रहती ह