जग मग रौशनियों में बैठा हूँ, फिर भी रौशनी की कमी है। मुद्दतों इंतज़ार करा उस फूल के उगने का, पर गमलों में पानी की कमी है। विशवास तो बहुत है उनके ऊपर, बदले में जो मिले उस भरोसे की कमी है। सावन के महीने में बारिश की भरमार बहुत है, पर मिट्टी की उड़ती महक की कमी है। आसमान में जगमग सितारों की आज भी भीड़ है, पर आशिकी में नाम कर देने वाले आशिकों की कमी है। घर तो बहुत बड़े बड़े है सबके पास, पर उनमे रहने वाले रिश्तेदारों की कमी है। शहरों में चर्चा तो बहुत है लड़कियों की पढ़ाई का, पर उन्हें मिलने वाली सुरक्षा की कमी है। होगए हैं बच्चे समझदार आज कल अपने माँ बाप को देख कर, पर उनमे पाए जाने वाले बचपने की कमी है। दिल तो आसानी से मिलने लगें है अब सबके, पर दिलों बीच में रहने वाले प्यार की कमी है। जग मग रौशनियों में बैठा हूँ, फिर भी रौशनी की कमी है। #realquote #nojoto