इस आईने में खुद को देखें (कृप्या अनुशीर्षक में पढ़ें) ये तीन कहानियां ज़रूर पढ़िए🙏 (1) सोचिए ज़रा.... आपकी नई-नई शादी हुई और बहुत प्यारी सी लड़की को आपने पत्नी के रूप में पाया। शादी के दो-तीन साल बाद आपकी पत्नी ने एक बेटी को जन्म दिया। बहुत मासूम, बहुत प्यारी बेटी। बिल्कुल परियों की तरह दिखने वाली। जो आपकी जान बन चुकी है। पूरे घर की रौनक है वो और सबकी लाडली। आप हर वक्त उसे गोद में लेकर घूमते हैं, और ग़ुरूर से सबको बताते हैं कि ये आपकी बेटी है। धीरे-धीरे आपकी बेटी बड़ी हुई.. उसने चलना सीखा, बोलना सीखा.. उसने आपको पहली बार कहा 'पापा'.. आप खुशी से चहक रहे हैं.. फिर और कुछ साल बीते वो अब स्कूल जाती है। अपनी क्लास में अव्वल आती है। आपको गर्व है कि वो आपकी बेटी है। वो आसमान को छूना चाहती है, चाहती है कल्पना चावला की तरह दूर आसमान में उड़ना.. चाहती है मैरीकॉम बनना, इंदिरा गांधी की तरह देश को संभालना।