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बड़ी सिद्दत से चिड़िया घोंसला अपना बनाती है, कई त

बड़ी सिद्दत से चिड़िया घोंसला अपना बनाती है, 
कई तिनकों से डाली पर हुनर अपना दिखाती है, 

बड़े  ही  लार  से  सेती है अंडे पंख से ढककर, 
निकल पड़ते हैं चूजे फिर उन्हें दाना चुगाती है,

बड़े नाज़ोअदा से पालती कुछ दिन वो बच्चों को,
विरासत सौंप अनुभव की उन्हें उड़ना सिखाती है,

हिफाज़त में खड़ी रहती है हर पल पास बच्चों के,
यही  ममता  कुदरती उसको जग में माँ बुलाती है,

बहुत  जल्दी  ही बच्चे सीख लेते ख़ुद-परस्ती को, 
दिया हर सीख माँ का ज़िन्दगी भर काम आती है,

रहे  कुनबे  में  ज्यादातर  परिंदे  उम्रभर  'गुंजन',
प्रकृति  हर रूप में संदेश हम तक रोज लाती है,
    --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #प्रकृति का संदेश#
बड़ी सिद्दत से चिड़िया घोंसला अपना बनाती है, 
कई तिनकों से डाली पर हुनर अपना दिखाती है, 

बड़े  ही  लार  से  सेती है अंडे पंख से ढककर, 
निकल पड़ते हैं चूजे फिर उन्हें दाना चुगाती है,

बड़े नाज़ोअदा से पालती कुछ दिन वो बच्चों को,
विरासत सौंप अनुभव की उन्हें उड़ना सिखाती है,

हिफाज़त में खड़ी रहती है हर पल पास बच्चों के,
यही  ममता  कुदरती उसको जग में माँ बुलाती है,

बहुत  जल्दी  ही बच्चे सीख लेते ख़ुद-परस्ती को, 
दिया हर सीख माँ का ज़िन्दगी भर काम आती है,

रहे  कुनबे  में  ज्यादातर  परिंदे  उम्रभर  'गुंजन',
प्रकृति  हर रूप में संदेश हम तक रोज लाती है,
    --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #प्रकृति का संदेश#