मेरी किस्मत में तेरा सुकून नहीं है शायद तमाम उम्र की बेचैनियाँ कुबूल करता हूँ मैं हार चुका हूँ सब उम्मीदें जुस्तजू में तेरी अब तेरे याद की परछाइयाँ कुबूल करता हूँ #बेचैनियाँ