Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी कभी मुझे लगता है कि, मैं शंख हूँ कर्ण का हिरण

कभी कभी 
मुझे लगता है
कि, मैं शंख हूँ
कर्ण का हिरण्यगर्भ
जो अपने अंदर के तूफान को शंखनाद बना देता है
और आरंभ करता है
महाभारत
जिसकी नियति उसका खुद का अंत है
कीचड़ से अपने रथ के पहियों को निकालते हुए
नारायण के आदेश से
नर के बाणों से #हिरण्यगर्भ
#ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर
#MIKYUPIKYU #TASAVVUF #KAVISHALA #HINDINAMA #MEETHASHONA
कभी कभी 
मुझे लगता है
कि, मैं शंख हूँ
कर्ण का हिरण्यगर्भ
जो अपने अंदर के तूफान को शंखनाद बना देता है
और आरंभ करता है
महाभारत
जिसकी नियति उसका खुद का अंत है
कीचड़ से अपने रथ के पहियों को निकालते हुए
नारायण के आदेश से
नर के बाणों से #हिरण्यगर्भ
#ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर
#MIKYUPIKYU #TASAVVUF #KAVISHALA #HINDINAMA #MEETHASHONA
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

New Creator