जो हम जुदा हो गए ये ना होता, तो कैसे हम होते नए खो देते खुद को, झूठे दिलासों में ये बेहतर ही हुआ, कि सच्चाई से, रूबरू हम हुए "चलो! अच्छा ही हुआ जो भी हुआ" "आईए जुगलबंदी कीजिये और बताईये कि क्या हुआ जो अच्छा हुआ" "कॉलेब करने के बाद कमेंट बॉक्स में 'संपन्न'/'Done' लिखना न भूलें" (कृप्या हमारे हैशटैग न हटाएँ जिससे हम आपकी रचनाओं को आसानी से पढ़ सकें)