कुछ नज्म जो थे तेरे नाम के, आज नही है यकीन मानो तुम न लड़ने के और न तुझे सताने के, समय बित गया शायद आज वो,, जब दोस्त हुआ करती थी तु मेरी भी, आज तो मै तेरे fb के friendliest में भी अनजान हूँ दोस्ती से मेरे तु भी शायद अनजान थी, इसलिए तो हो गई अपनी रिश्ते भी बबेजा सी।। जिससे थी कभी whatsapp में भी पहचान सी, वो लड़की आज हो गई कुछ अनजान सी।। क्या हुआ थोड़ा झगड़ गया तुझसे यदि मै, क्या इतनी कच्ची डोर थी हमारी दोस्ती की, माना कि मैंने कोशिश न किया, कर सकती थी आगाज तु भी ।। चल अब रहने दे अब बाते होगी बाद में।। (सपनो में तो तेरा आना जाना लगा रहता है) #NojotoQuote दोस्ती #swetasingh क्या करू दोनो same name ke ho