।।पगले सपने ।। अब, तुम क्या समझे ? कि संदूक खाली हो गया? नहीं जनाब!! यह शब्दों के सुरमई पंछी जो धवल आसमानों में उड़ने को पंख फहराते हैं। वो !! ऊपर !! दूर !! मुझे मेरे सपनों संग अंतरिक्ष तक ले जाते हैं ।। ।।मुक्ता शर्मा द्वारा लिखित ।। #muktamusafirparinde #मुक्तामुसाफिरपरिंदे