कुछ स्त्रियां उर्वरित धरा सी होती हैं उन्हें कुछ दो तो दे जाती हैं बदले में उसका कई गुना... मैं यहां हर सांझ बस रेशा भर उसका ख्याल करता हूँ... वो कहीं पूरी रात मुझे अपनी नींदों में चस्पा किये मेरे उसके उन किस्सों के ताने बाने बुनती रहती होगी